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निष्कलंक (पवित्र और पापा रहित) नामक संप्रदाय की स्थापना किसने की?

निष्कलंक संप्रदाय के पर्वतक संत मावजी है जिन्होंने इसकी स्थापना की थी इनके भक्तगण इन्हें भगवान विष्णु का दसवां अवतार भी मानते है। 

मावजी को वागड़ का धणी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने मेवाड़ और वागड़ के आसपास के क्षेत्रों में भीलों में सामाजिक सुधार के कार्य लसाड़िया आन्दोलन के तहत चलाए। 

इन्होंने ही बेणेश्वर धाम की स्थापना की थी इनके 1727 ईस्वी में माघ शुक्ल एकादशी को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

इसके चार ऑप्शन इस प्रकार है

A) संत माव जी 

B) राम चरण जी 

C) महर्षि नवलराम जी 

D) संत राना बाई

उत्तर (A) संत माव जी 

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मैं निशु राजपूत अलवर राजस्थान का रहने वाला हूं पढ़ाई में एम.ए. कर चुका हूं और बहुत सालों से क्रिकेट से संबंधित और स्टूडेंट्स के लिए सरकारी नौकरी और योजनाओं की जानकारी दे रहा हूं।

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