क्यों चर्चा में है एम एस स्वामीनाथन
- हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की है।
- इससे पहले भी वे काफी चर्चा में रहते थे क्योंकि वे एक पौधों के अनुवांशिक वैज्ञानिक थे जिन्हे भारत की हरित क्रांति का जनक भी कहा जाता है।
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एमएस स्वामीनाथन| MS Swaminathan |
एम एस स्वामीनाथन की जीवनी | MS Swaminathan Biography
- इनका पूरा नाम मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन था।
- इनका जन्म 7 अगस्त 1925 को तमिलनाडु के कुंबकोणम में हुआ था।
- स्वामीनाथन पढ़ाई (Education Qualification) में जूलॉजी, और एग्रीकल्चर दोनो में ग्रेजुएट थे।
- इनकी पत्नी का नाम मीना और उनकी तीन बेटियां है जिनका नाम सौम्या, मधुरा और नित्या है।
- ये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में 1972 से 1979 तक और अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में 1982 से 1988 तक महानिदेशक रहे।
- इनका निधन 98 साल की उम्र में 28 सितंबर 2023 को चेन्नई में हुआ था।
हरित क्रांति और एम एस स्वामीनाथन
- इन्होंने साल 1966 में मैक्सिको के बीजों को पंजाब के बीजों के साथ हाइब्रिड करके उच्च गुणवत्ता के गेंहू बीज विकसित किए।
- इसके साथ ही इन्होंने धान के भी अच्छी किस्म के बीजों को विकसित किया और कम आय वाले किसानों को ज्यादा फसल पैदा करने के लिए प्रेरित किया।
- हरित क्रांति कार्यक्रम के समय इन्होंने गेंहू और चावल के वो बीज खेतों में लगाए थे जो ज्यादा पैदावार देते थे।
- इनके द्वारा चलाई गई हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न की कमी वाले देश से निकलकर एक खाद्यान्न आत्मनिर्भर देश बना दिया था।
NOTE:- साल 1960 के अकाल के दौरान इन्होने अमेरिकी वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग और अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिलकर गेंहू की उच्च पैदावार वाली किस्म (HYV) विकसित की।
एम एस स्वामीनाथन को मिले पुरस्कार और सम्मान
- इन्हें 1965 में चेकोस्लोवाक एकेडमी ऑफ साइंसेज से मेमोरियल मेडल मिला।
- इन्हें साल 1971 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए मैगसेसे पुरस्कार मिला।
- साल 1986 में अलबर्ट आइंस्टीन वर्ल्ड साइंस पुरस्कार मिला।
- साल 1987 में पहला विश्व खाद्य पुरस्कार मिला।
- साल 1989 में यूनेस्को विश्व गांधी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
- डॉ स्वामीनाथन को 1967 में पद्म श्री, 1972 में पद्म भूषण और 1979 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- 1991 में पर्यावरण उपलब्धि के लिए टायलर अवार्ड से भी ये सम्मानित हो चुके है।
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