International Tiger Day: विश्व बाघ दिवस हर वर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है। आज हम जानेंगे बाघों के बारे में कुछ शानदार चीजें जो आपने पहले कभी नही पढ़ी होंगी तो लेख को पूरा जरूर पढ़ना।
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस क्या है?
बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देने और इनके घटती जनसंख्या को काबू में पाने के लिए इनके प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा करना सम्पूर्ण विश्व का धर्म है जिसके लिए ही 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाया जाता है।
सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर शिखर सम्मेलन 2010 के बाद से हर साल 29 जुलाई को इंटरनेशनल बाघ दिवस मनाया जाता है।
International Tiger Day History, Significance & Theme In Hindi |
बाघों के बारे में रोचक तथ्य
- बाघ का वैज्ञानिक नाम पंथेरा टिगरिस होता है।
- यह एक स्तनपायी वर्ग यानी स्तनधारी पशु है।
- इसका गण समूह Camivora होता है।
- यह बिल्ली कुल/परिवार का खूंखार पशु है।
- भारत में बाघों की संख्या में 2006 से लगातार वृद्धि देखी जा रही है (2006 में 1411 बाघ, 2010 में 1706 बाघ, 2014 में 2226 बाघ, 2018 में 2967 बाघ, 2022 में 3167 बाघ)
- भारत में प्रथम बाघ जनगणना वर्ष 2006 में की गई थी उसके बाद हर 4 साल बाद जनगणना की जा रही है इनकी जनगणना NTCA द्वारा करवाई जाती है।
- इनकी संख्या तेजी से बढ़ने का एक कारण यह भी है की मादा बाघ एक बार में 6 बच्चो को जन्म दे सकती है।
- बाघों की एक प्रजाति सफेद बाघ भी है जो उड़ीसा में पाए जाते है।
- भारत का टाइगर राज्य मध्य प्रदेश को कहा जाता है।
- वर्तमान ने भारत में अभी तक कुल 53 टाइगर रिजर्व है। जिनमे सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व नागार्जुन सागर और सबसे छोटा बोर है।
- बाघों की दो उपप्रजातियां सुंडा और उपमहाद्वीपीय होती है।
- बाघों के प्राकृतिक आवास उष्णकटीबंदीय वर्षावन, सदाबहार वन, समशितोष्ण वन, मैग्रोव दलदल, घास के मैदान और सवाना के मैदान।
- भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, रूस, चीन, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम में बाघ प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं।
- IUCN की रिपोर्ट के अनुसार कंबोडिया, लाओस और वियतनाम में बाघ विलुप्त हो चुके है।
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