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Google Doodle Who Is Hamida Banu Begum: कौन है हमीदा बानो जिसका गूगल ने आज लगाया है डूडल

Today Google Doodle Who Is Hamida Banu Begum Biography (जीवन परिचय) in Hindi

हमीदा बानो बेगम एक ऐसी महिला पहलवान जिसे कोई पुरुष कुश्ती में नही हरा सका लेकिन उस्ताद ने ही तोड़ दिए हमीदा के हाथ पैर जानें हमीदा की पूरी कहानी क्या खास है इनके जीवन में जो गूगल भी डूडल बनाकर सेलिब्रेट कर रहा।

यूपी के मिर्जापुर में हमीदा बानो का जन्म हुआ हां वही मिर्जापुर मुन्ना भैया और कालीन भैया की वेब सीरीज वाला वहीं जन्मी शेरनी हमीदा।

हमीदा बानो का जीवन परिचय
हमीदा बानो पहलवान का जीवन परिचय 

जो मुझे दंगल में हरा देगा उससे शादी करूंगी

हमीदा बानो पहलवानी में इतनी निपुण थी की वे मर्द पहलवानों को भी खुली चुनौती देती थी एक बार 32 साल की हमीदा ने बीच दंगल में कहा 'जो मुझे दंगल में हरा देगा, वो मुझसे शादी कर सकता है।' 

साल 1954 तक हमीदा ने 2 मर्द पहलवानों एक कोलकाता का और एक पटियाला का था उनकी बुरी तरह से धूल चटाई थी। 

बड़ौदा में बाबा पहलवान को 1 मिनट 34 सेकंड में चित करके सुर्खियों में आई

साल 1954 में जब हमीदा अपना तीसरा दंगल लड़ने बड़ौदा पहुंची तो पूरे शहर में ख़बर फैल गई की महिला कैसे कुश्ती लड़ सकती है फिल्मों की तरह इस बात का प्रचार हुआ पोस्टर बैनर छापे गए। 

लेकिन हमीदा ने इस दंगल में मशहूर बाबा पहलवान को हरा दिया और उसके बाद बाबा पहलवान ने इस कुश्ती के बाद कुश्ती से सन्यास ले लिया।

5 फुट 3 इंच लंबाई वजन 107 किलो ऐसी ही थी डाइट 

हमीदा डेली साढ़े 5 लीटर दूध, पौने तीन लीटर सूप, सवा दो लीटर फलों का जूस, एक किलो चिकन और एक किलो मटन, 450 ग्राम मक्खन, रोजाना 6 अंडे, एक किलो बादाम और 2 बड़ी रोटियां खाती थी साथ ही वो 2 प्लेट बिरयानी भी खाती थी। 

खाने के साथ उनकी दिनचर्या में व्यायाम को भी बराबर जगह थी वो डेली 9 घंटे सोती थी और उठने के बाद 6 घंटे व्यायाम (कसरत) करती थी। 

अलीगढ़ की एमेजॉन के नाम से फेमस हुई 

हमीदा अपने जमाने में इतनी प्रसिद्ध हो गई थी की लोग उनकी तुलना अमेरिका की मशहूर पहलवान एमेजॉन से करने लगे थे और उन्हें जब महिला प्रतिद्वंदी मिलना बंद हो गए तो मजबूर होकर उन्होंने पुरुषों को चुनौती देना शुरू कर दिया। 

महाराष्ट्र के कोलापुर में पुरुष पहलवान से जीतने के बाद इनपर पत्थर फैंके गए 

बड़ौदा में हुए दंगल से पहले हमीदा का मुकाबला लाहौर के छोटे गामा पहलवान से होने वाला था जिसे महाराजाओं का संरक्षण था तो उसने अपने अंतिम समय में एक महिला पहलवान से कुश्ती लड़ने से इंकार कर दिया। 

एक किस्सा है महाराष्ट्र के कोलापुरा का जब एक शोभा सिंह पंजाबी नाम के पहलवान को हमीदा बानो ने हरा दिया तो कुश्ती देखने वालो को ये पसंद नही आया फिर उन्होंने हमीदा को बुरा भला कहा और इनपर पत्थर भी फेंके। 

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यूरोप जाने की कहने पर उस्ताद ने ही तोड़ दिए हाथ पैर 

साल 1954 में ही उन्होंने वीरा चस्तेलिन जिन्हे रूस की मादा रीछ कहा जाता था हमीदा ने उसे एक मिनट में ही चित कर दिया था। 

1954 में उनकी ख्याति इतनी हो गई की उन्होंने यूरोपीय पहलवानों से लड़ने के लिए यूरोप जानें का एलान कर दिया। 

हमीदा के पोते फिरोज शेख का कहना है की हमीदा से लड़ने एक यूरोप की पहलवान आई थी जो हारकर हमीदा से इतनी प्रभावित हुई की यूरोप जाने के लिए कहने लगी और हमीदा उसकी बात लगभग मान ही गई लेकिन हमीदा के गुरु उस्ताद सलाम पहलवान को ये बात पसंद नही आई और उन्हे लाठियों से मारकर उनके हाथ पैर तोड़ दिए।

आमदनी खत्म होने से बेचने पड़े थे पदक 

सलाम पहलवान ने ही हमीदा के पदक बेच दिए और अलीपुर चले गए बाद में हमीदा को गरीबी का सामना करना पड़ा लेकिन उनका घर काफी बड़ा था जिसे उन्होंने किराए पर दिया लेकिन किराया नही बढ़ने से उन्हें गरीबी ने चपेट में ले लिया। 

सलाम पहलवान और हमीदा का मिलन एक बार और हुआ जब वो उनके पोते की शादी में कल्याण आया लेकिन जब भी दोनो के बीच लड़ाई बढ़ गई दोनो तरफ से लाठियां खींच गई थी।

मरते समय सलाम पहलवान से मिलने गई 

हमीदा के आखिर के दिन बड़ी मुश्किलों से गुजरे वे अंत के समय में अपने सामने के मैदान में बूंदी बेचने को मजबूर हो गई।

सलाम पहलवान की बेटी सहारा ने कहा की सलाम जब अपनी आखिरी सैया पर थे तब हमीदा उनसे मिलने आई थी।

मरते दम तक नही की शादी 

कुछ लोग कहते है की मरते दम तक हमीदा ने शादी नही की जबकि कुछ लोगो का मानना है की उनकी शादी आजादी से पहले ही सलाम पहलवान से हो गई थी।

लेकिन उनके पोते का मानना है की हमीदा ने शादी नही की बल्कि उनके पिताजी को गोद लिया था। 

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मैं निशु राजपूत अलवर राजस्थान का रहने वाला हूं पढ़ाई में एम.ए. कर चुका हूं और बहुत सालों से क्रिकेट से संबंधित और स्टूडेंट्स के लिए सरकारी नौकरी और योजनाओं की जानकारी दे रहा हूं।

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