स्वागत है आपका हमारी सीरीज राजस्थान के किले और दुर्ग में जहां हम आपको रोज एक नए किले के बारे में पूरी जानकारी देते है जिससे आपकी तैयारी आसान हो तो लेख को पूरा पढ़ें।
आज जानेंगे झालावाड़ के झालरापाटन के नौलखा किले के बारे में।
नौलखा किला झालावाड़ |
कहां:- झालरापाटन, झालावाड़, राजस्थान
उपनाम:- अधूरा किला , नौलखा किला
निर्माण:- राणा पृथ्वीसिंह द्वारा (1860 ई. में)
प्रकार:- गिरी दुर्ग
किले पर हुआ खर्च:- 9 लाख रुपए (इसलिए ही नौलखा हार)
NOTE:- निर्माण कार्य की दृष्टि से यह राजस्थान का आखिरी किला है
पर्यटकों के लिए किले में क्या क्या है?
किले में नीचे के ओर एक उद्यान है।
ऊपरी किले में झूले चकरी और फोटो पॉइंट बनाकर पिकनिक और पर्यटन को बढ़ावा दिया गया है।
आनंदधाम मंदिर श्रद्धालु और पर्यटन का महत्वपूर्ण आकर्षण बना हुआ है।
किले का थोड़ा सा इतिहास
इस किले का निर्माण झालावाड़ के द्वितीय राजा पृथ्वीसिंह द्वारा 1860 ई. में कराया गया और इसके निर्माण में 9 लाख रुपए खर्च किए गए लेकिन इसका निर्माण अधूरा रहा है।
इस किले में दुश्मन से बचने के लिए तांबे की पाइपलाइन बिछानी थी जिनसे गर्म तेल छिड़ककर दुश्मन पर हमला किया जा सके।
लेकिन बाद में किले में बुर्ज और चारदीवारी का निर्माण करके ही इसका कार्य अधूरा छोड़ दिया गया क्योंकि इसके बुर्ज निर्माण के दौरान गागरौन से रामबाण तोप का गोला चलाया गया जिससे इसका बुर्ज टूट गया था।