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संविधान हत्या दिवस कब और क्यों मनाया जाता है जानें इसका इतिहास, महत्व और थीम

When and why is Constitution Assassination Day celebrated? Know its history, importance and theme In Hindi

भारतीय केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस' घोषित कर दिया है सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। 

संविधान हत्या दिवस 25 जून
संविधान हत्या दिवस

संविधान हत्या दिवस यानी 25 जून का इतिहास 

25 जून 1975 को उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दी थी। 

इसपर वर्तमान सरकार के गृह मंत्री अमित शाह जी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने उस समय अपनी तानाशाही रवैया दिखाते हुए आपातकाल लगाया और भारतीय लोकतंत्र का गला घोट दिया। 

उस समय लाखो बेकसूर लोगों को जेल में डाला गया और मीडिया जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहते है उसकी आवाज को दबा दिया गया। 

संविधान हत्या दिवस मनाने का महत्त्व

सरकार के अनुसार उस दिन को याद करना जब हमारे देश ने वह इतिहास का काला अध्याय देखा था। 

कैसे भारतीय संविधान का फायदा उठाकर संविधान का ही गला घोट दिया गया। 

इस दिवस को मानने का महत्व है की आगे आने वाले समय के लिए हमारी पीढ़ियों को जागृत करना ताकि आने वाले समय में कभी ऐसा दुबारा ना होने पाए। 

संविधान हत्या दिवस का भारत का राजपत्रित नोटिफिकेशन
संविधान हत्या दिवस का भारत का राजपत्रित नोटिफिकेशन

क्या होता है आपातकाल और संविधान में इसका क्या जिक्र है? 

संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल का जिक्र है पहला नेशनल इमरजेंसी दूसरा राज्य आपातकाल जिसे राष्ट्रपति शासन कहते है और तीसरी है वित्तीय इमरजेंसी। 

अब आइए जानते है इस तीनों के बारे में! 

राष्ट्रीय आपातकाल अनुच्छेद 352: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा या किसी हिस्से की सुरक्षा का खतरा महसूस होने पर यह आपातकाल लगाया जाता है। 

इसे बाहरी आक्रमण, युद्ध या देश के ही अंदर आंतरिक अशांति जैसे हालात होने पर राष्ट्रीय आपातकाल लगाया जाता है। 

राज्य आपातकाल अनुच्छेद 256: जब किसी राज्य की सरकार संवैधानिक प्रावधानों का पालन न करे या जहां संवैधानिक सिस्टम फेल होता नजर आए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है। 

इसमें राष्ट्रपति शासन को राज्यपाल की मदद से चलता है। 

वित्तीय आपातकाल अनुच्छेद 360: जब देश के अंदर आर्थिक मंदी आ जाए और ऐसा लगे की सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसे नहीं है तो वित्तीय आपातकाल लगाया जाता है। 

NOTE: आपातकाल के दौरान सरकार राज्यों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लेती है और राष्ट्रीय आपातकाल के समय किसी की भी गिरफ्तारी हो सकती है चाहे वे निर्दोष ही क्यों न हों। 

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मैं निशु राजपूत अलवर राजस्थान का रहने वाला हूं पढ़ाई में एम.ए. कर चुका हूं और बहुत सालों से क्रिकेट से संबंधित और स्टूडेंट्स के लिए सरकारी नौकरी और योजनाओं की जानकारी दे रहा हूं।

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