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डीग किला के बारे में सभी जानकारी इतिहास से लेकर पर्यटन तक

Deeg Fort Rajasthan In Hindi

स्वागत है आपका हमारी सीरीज राजस्थान के किले और दुर्ग में जहां हम आपको रोज राजस्थान के एक किले के बारे में विस्तार से बताते है तो उसी क्रम में आज नंबर है डीग किले का तो चलिए शुरू करते है। 

डीग दुर्ग राजस्थान
Deeg Fort Rajasthan In Hindi 

डीग:- भरतपुर से 32 किलोमीटर दूर (वर्तमान में जिला) 

निर्माण:- महाराजा बदन सिंह 

राजधानी:- जाट राजाओं की (भरतपुर से पहले) 

मुख्य द्वार:- शाह बुर्ज 

वास्तुकला:- राजपूत और मुगल शैली का मिश्रण 

जलाशयों का नाम:- रूप सागर और गोपाल सागर 

प्रमुख कलाकृतियां और वास्तुकला के उदाहरण:- सूरज भवन, गोपाल भवन, किशन भवन, नंद भवन और केशव भवन शामिल है। 

डीग किले का इतिहास 

राजा बदन सिंह ने 1721 में यहां एक महल बनवाया था इसके बाद उनके पुत्र सूरजमल 1730 के आसपास इसके चारो ओर किले का निर्माण करवाया। 

डीग किले की लाखा तोप 

इसे अपना नाम अपने वजन के कारण मिला क्योंकि इसका वजन 1 लाख किलो है इसलिए इसका नाम लाखा तोप पड़ा। 

इसे भवानी का रूप माना जाता है कहा जाता है की मां भवानी स्वयं इस तोप में विराजमान हुई। 

इस तोप की मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक थी यह डीग के लाखा बुर्ज के ऊपर रखी गई है और विश्व की विशालतम तोपों में से एक है। 

लाखा तोप जब चली 

साल 1761 में जब आगरा के किले पर किया गया जब आगरा के किले का दरवाजा टूट गया और सैनिकों ने अंदर घुसकर मुगल सेना को धूल चटा दी। 

लाखा तोप के चलने से गर्भवती महिलाओं के गर्भ गिर गए थे और कई लोग बहरे हो गए थे जिसके कारण इसके चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 

मैं निशु राजपूत अलवर राजस्थान का रहने वाला हूं पढ़ाई में एम.ए. कर चुका हूं और बहुत सालों से क्रिकेट से संबंधित और स्टूडेंट्स के लिए सरकारी नौकरी और योजनाओं की जानकारी दे रहा हूं।

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