स्वागत है आपका हमारी खास सीरीज राजस्थान के किले और दुर्ग में जहां हम आपको एक एक करके सभी किलो और दुर्गों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
कहां है:- अलवर, राजस्थान
निर्माण:- 1049 ई में आमेर नरेश कोकिलदेव के पुत्र अलघुराय ने बनवाया
अन्य नाम:- आंख वाला किला, अलवर दुर्ग, कुंवारा दुर्ग और बावनगढ़ का लाडला
शैली:- राजपूताना और मुगलिया शैली
प्रसिद्धि:- कभी युद्ध नही हुआ
किले में महत्वपूर्ण निर्माण:- सूरज कुंड, सलीम नगर तालाब, जल महल, निकुंभ महल पैलेस के अलावा कई मंदिर भी किले में मौजूद है
Alwar Fort Bala Kila In Hindi |
बाला किले में सुरक्षा की दृष्टि से क्या क्या बना है?
दुर्ग में 15 बड़े और 51 छोटे टावर बनाए गए थे।
इस किले की दीवारों में 446 छेद है जो गोलियां चलाने के लिए बनवाए थे।
15 बड़े और 51 छोटे बुर्ज है।
बाला कीला के 6 प्रवेश द्वार
- चांद पोल
- सूरज पोल
- कृष्ण पोल
- लक्ष्मण पोल
- अंधेरी गेट
- जय पोल
बाला कीला के बारे में महत्वपूर्ण बातें
- बाला कीला में 18वीं सदी में भरतपुर राजा सूरजमल ने इस किले में सूरजकुंड का निर्माण करवाया।
- महाराज बख्तावर सिंह ने 19वीं सदी दुर्ग में प्रताप सिंह की छतरी और जनाना महल का निर्माण करवाया।
- खानवा के प्रसिद्ध युद्ध के बाद मुगल बादशाह बाबर ने अप्रैल 1927 में इस दुर्ग में रात बिताई थी।
- कई इतिहासकार इसे हसन खा मेवाती द्वारा 1551 ईस्वी में बनवाया बताते है।
- यह किला 5 किलोमीटर लंबा और 1.5 किलोमीटर चौड़ा है।
बाला किले का इतिहास
इस किले पर सबसे ज्यादा समय राजपूत राजाओं का शासन रहा लेकिन बीच बीच में यहां मराठा, जाट और मुगलों ने भी शासन किया था।
प्रताप सिंह राजपूत ने ही 1775 ईस्वी के आसपास अलवर शहर की स्थापना की थी।
किले के अंदर बने सलीम महल की कहानी
मुगल बादशाह जहांगीर भी इस किले में रुके थे उस समय वे जिस कमरे में रुके थे उसको आज भी सलीम महल कहा जाता है।